पता होता तो?

मुझे पता होता की तुम्हारे नजदिक जाते ही,
        हम दोनो के दरमिया फासले बढ़ ज़ायेंगे, 
तो हम अपने साये को भी तुम्हारे पास से ना गुजरने देते,
       तुम्हे देख के ही गुजारा कर लेते ,
और तुम्हारी हर तस्वीर को अपने पलको मे संजो लेते,
       लेकिन ये फसला कही न कही हम दोनो को जोड़े हुए है,
हमारे एकांत मे जो हर पल साथ है,
      जो हमारे होठो  पे आज भी मुस्कान है,
कही न कही हमारी य़ादो की जान है,
    तेरे मेरे स्नेह की डोर,
 की एक छोर मेरे तो एक छोर तेरी और है |

                                                               Babita


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