मेरेअल्फ़ाज़💕
💖💖
तेरी पहली मुस्कुराहट पे,हम जो मर मिटे थे,
तेरी आँखो की चमक मे, खुदको समेटे बैठे थे,
कि अक्सर याद आता है,तेरा मुझसे मिलना,
तेरे काले कुर्ते पे,सिलवटो का बनना,
तेरी नाज़रों का मेरी नाज़रों से,कुछ इस तरह उलझना,
होठ खामोश रहे ,पर हज़ारों बातो का घुलना,
तनहाई मे नही, भींड़ मे मिलते थे हम,
तुम जो छू, लो तो खिलते थे हम,
न जाने क्यूं,इन दूरियों में भी तुम्हारा एहसास है ,
आँख बंद करू,तो तेरा चेहरा साफ है ,
तेरे मेरे स्नेह की कुछ ख़ासियत है,
चोट तुझे लगे,तो दर्द मेरे पास है ,
सच कहूं तू मेरा एकांत है,
जो ठण्डक पहुँचाए ऐसी प्यास है ,
बस ये मेरे अल्फ़ाज है,
तू मेरे लिए बहुत खास है, बहुत खास है ......
Babita 💖
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें