रूहानी कनेक्शन

 
 कैसे न कहूं ,की तुझे पर ऐतबार नहीं है,
दूर ही सही, पर प्यार वही है,
न फ़ोन, न मैसेज़ है,तेरे मेरे दरमिया,
ये रूहानी कनेक्शन है मेरी जा,

आज भी मुझे, तेरी आहट सुनाई देती है,
तेरी होठो की मुस्कुराहट सी बन जाती है,
ये कैसी है दुरिया,तेरे मेरे दरमिया,
ये रूहानी कनेक्शन है मेरी जा,

तू  तुषार  की बूंदो सा, निपटा है मुझमें,
सांसो मे गरमहाट है, वो भी तुझसे,

अब भी है रिश्ता, तेरे मेरे दरमिया,
ये रूहानी कनेक्शन है मेरी जा,

जो टूट के भी टूटता नहीं, 
जो रूठ  के भी रूठता नहीं,
ये ज़िस्मानी नहीं,
ये रूहानी कनेक्शन है मेरी जा,

आज भी आँखों को तेरा इंतजार है,
आज भी हर रास्ते पे मेरी निगाह है,
ये कैसी उम्मीद जगी है तेरे मेरे दरमिया,
ये रूहानी कनेक्शन है मेरी जा |

βabita💕


 

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