जाति💕

 अंतरजातिय विवाह के लिए जब भी पहल की,

नाक कटवायेगी ऐसी होड मची,

ना जाने क्या-क्या दिन दिखवायेगी,

ये लड़की जग हस्वायेगी,

अपने जात का होता तो भी चल जाता,

दुजा जात हाय कैसे चल पायेगा,



एक छोटी सी इक्छा जतायी थी ,

और कितनी मुकी खायी थी ,

जात-पात नहीं इंसान को देखा था,

कैसे समझाऊ की मैंने उसके मन को देखा था,

कितने विश्वास के साथ अपनी बात कही,

केवल ज़ाति के लिए कितनी तंज सुनी,



जात समाज की खातिर,लड़की की इक्छा दबायेंगे,

दो मिनट के प्रपंच के लिए,मेरी खुशिया मिटायेंगे,

शादी मे भर पेट खा के भी कमी जो निकालेंगे,

जो वर को देखकर भी तंज कसेंगे,

ऐसे समाज के लिए लड़की को बली चढ़ायेगे,

दहेज प्रथा को भी आगे बढ़ायेंगे,

तब ही तो जात का परचम  लेहरायेंगे,


ज़ाति ज़ाति हाय रे ज़ाति 



βαβitα💕


 









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