Story of love
कड़कती धूप और घर के अंदर घना अंधेरा ? मानो बिजली चली गई हो। पलंग के किनारे एक लड़की बेजान सी पड़ी थी, मानो मर गई हो। दरवाज़े के उस तरफ से फुसफुसाहट की आवाज़ आ रही थी।जाने कौन - कौन था । न जाने कैसी लड़की कोख में पड़ गई,एक ने कहा इतना अच्छा रिश्ता था, एक ने कहा इसके वजह से नाक कट गई । फिर जोर की आवाज़ आई मैं कह रहा था इसे पढ़ने मत भेजो पर आप दोनो सुनते कहा हो मेरी । हमे थोड़ी पता था ऐसा होगा, छोड़ चल खा ले तुम्ही लोग खाओ मैं जा रहा हूं ऑफिस।
फिर आवाज़ आई आओ महारानी खाना खा लो,अब तो खुश हो जाओ माना कर दिया न,बाप भाई का नाक कट गया, आ के ठूस जाओ। ये शायद से चौथा दिन था मैं कमरे में चुप चाप पड़ी थी बेशुद सी हाथ - पैर,पीठ पे बेल्ट के निशान पड़े थे, दर्द से उठा नही जा रहा था,बाथरूम में पानी से मुंह धोते वक्त सारा बदन जल उठा । ओ महारानी अपना नाटक बंद कर । आज शुक्रवार का व्रत है, खोलो दरवाज़ा बोलो की पूजा कर ले ।
अभी पाठ करना शुरू ही किया था की भैया ऑफिस से आया आते ही !क्या नाटक लगा रखा है, मैं सब जानता हूं तेरा किस से चक्कर है, रोज- रोज घर बुलाती थी न, ना जाने क्या क्या किया होगा।ये आंसू कही और बहाना निकल इस घर से, ते जो हाथ पैर धूल । गांवों जायके बा,सुन मुंडन में जा रहे है,वहां किसी से कुछ कही न तो तेरा जबान काट दूंगा । और मर चुकी है तू मुझसे और बाकी लोगो से आज के बाद बात मत करना और जिसके साथ रहना है जा के रह ले।
जिसके लिए ये सब सुना उस इंसान ने मुझसे मुंह फेर लिया फोन के हज़ार टुकड़े पड़े थे। कैसे - कैसे जोड़ के उसके नंबर पे फोन किया, मेरा नंबर ब्लॉक था। खुदको असहाय महसूस करते हुए लग रहा था जिसके लिए ये सब किया उसे फर्क ही नहीं पड़ता।
6 महीने बीत चुके थे,इस घटना को उस टूटे फोन पे कॉल आया , हेलो ।
हां
सॉरी मेरा पेपर चल रहा था,प्रैक्टिकल चल रहे थे मैं आपको कैसे समझाऊं की मां दीदी को सब पता चल गया था,पीछे पड़े थे सब ।
It's ok
और मैंने फोन रख दिया ।
Babita 💕
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें