गठबंधन
कैसा है ये बंधन ?
जिसे लोग कहें गठबंधन ।
पांच मिनट के मिलन मे,
तय करलो सारा जीवन,
सब कुछ कैसे जानोगे,
उसको अपना कैसे मानोगे,
त्याग के अपना जीवन,
कैसे दूसरो का महल सवारोगे,
कैसा है ये बंधन ?
जिसे लोग कहे गठबंधन।
मेरे अरमानो को रोंदा जायेगा,
स्नेह से गला दबाया जायेगा,
लोगो की खातिर नया बिगुल बजाया जायेगा,
क्या पूछा किसी ने क्या है मेरा अर्पण,
कैसा है ये बंधन ?
जिसे लोग कहे गठबंधन।
मैने सब कुछ माना है,
हर किसी का आदर करना जाना है,
पर न जाने क्यूं मन मे चल रहा क्रन्दन,
हज़ारो सवालो का मंथन,
कैसा है ये बंधन ?
जिसे लोग कहे गठबंधन ।
βαβita
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