न कोई हमसफ़र है हमारा,
कल जहां थे हम,
वही आ गए दोबारा,
किस्मत की लकीरो को पलटने चले थे,
ठोकरे खाते बीते हर दिन हमारा।
βαβitα 💕
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें