छाया
आज एक कहानी साझा करनी थी,रोचक भी हैं और प्रश्न वाचक भी,एक आम सा जीवन जीने वाली लड़की की कहानी,जो अंतर्मुखी है किसी से इतनी बाते नही करती । न ही और लोगो की तरह इधर - उधर जाती है,केवल घर से स्कूल और स्कूल से घर । अपना बाकी समय वो घर के कम में लगी रहती है,फिर कुछ समय पढ़ाई में,घर की बड़ी बेटी है तो हाथ पीले करने की चिंता मामा पे है। एक रोज छाया के लिए एक रिश्ता आया , सारे परिवार रिश्तेदार सब खुश थे,की चलो अब ये बोझ किसी और के सिर जायेगा ।
छाया भी खुश थी की चलो अब सबके दुख का कारण वो नही बनेगी । लड़के वाले छाया से मिलने आए पर एक अजीब बात थी ! की छाया को केवल लड़के का बड़ा भाई देखने आया और जिससे विवाह होना था वो, मोहित और छाया मिले 2 मिनट की मुलाकात थी पर मोहित ने छाया की और देखा तक नहीं,और छाया मोहित की और मुड़कर बैठी थी । काफी देर तक चुप्पी थी छाया को समझ नही आ रहा था क्या बोले तभी मोहित बोलता है देखो तुम्हे प्रियांशी की तरह हमेशा खुश रहना होगा । हस्ते बोलते ,छाया को बहुत अजीब लगा तभी उसके भैया कॉल करने के बहाने से वहा से गुजरे जहा वो बैठे थे उन्होंने मोहित को इशारा किया और मोहित उठ के चला गया । यहां तक की बिना किसी से कहे वो निकल गए ,छाया के परिवार वालो को लगा की उन्हे छाया पसंद नहीं। सब छाया को खरी खोटी सुना रहे थे,और वैसे भी ये रोज किया जाता था।
मामा के फोन पर करीब 3 महीने बाद कॉल आया,मामा चिलाते हुए बोले अरे सुनती हो मधु की मां छाया का रिश्ता पक्का हो गया । सब खुशी से नाच रहे थे । की तभी नानी ने कहा किसने हां कहा इस कल्लो को, तब मामा ने बताया वो 2 भाई आए थे । जिन्होंने बिना कुछ कहे और बिना कुछ दिए चले गए उन्होंने । मोहित के घरवाले मान गए है तेरी कल्लो से शादी करने के लिए। सब खुश थे बस छाया छाया का अंतर मन सोच में डूबा हुआ था,की ये वही है जो प्रियांशी के बारे में बोल रहा था । आखिर ये प्रियांशी कौन है ? फिर इन बातो को परे रख के वो भी सोचने लगी इतने सारे रिश्ते टूटने के बाद किसी ने तो उसे हां कहा । फिर वो खुशी से अपनी बहन मधु को गले लगाती है और उससे मंदिर चलने को कहती है । दोनो बहनों में खास घनिष्ठता न थी पर मधु भी घूमने के धुन में छाया के साथ निकल गई।
छाया की शादी की बात गली,मोहल्लों,रिश्तेदारों तक पहुंच गई, सब और खुशी का माहोल था पर छाया के अंदर डर था क्योंकि आज के समय में भी लड़का उससे बात नही करता था । जबकि उसे नंबर दिया गया था, कई बार उसने ये बात कही पर सब छाया को ही समझते थे । शादी के बाद बात करना सब अच्छा होगा, एक रोज एक कॉल आया छाया ने पूछा आप कौन ? जवाब आया में मोहित , जी कहिए छाया के चेहरे पे मुस्कान थी तभी मोहित ने कहा छाया मैं तुमसे शादी नही करना चाहता में घरवालों की मजबूरी के कारण कर रहा हूं,तुम चाहो तो शादी के लिए मना कर दो क्यूंकि मैं मना नही कर सकता । पर तुम कर सकती और अगर तुमने माना नही किया तो मैं कुछ दिन बाद तुमसे तलाक ले लूंगा । मैं सिर्फ प्रियांशी से प्यार करता हूं।
ये सारी बाते सुनकर छाया स्तब्ध रह गई, वो ये बाते कहे तो कहे किससे । एक तो उसके घरवाले उसे बोझ से ज्यादा और कोल्हू के बैल से ज्यादा कुछ नहीं समझते थे । फिर भी हिम्मत करके उसने नानी को सारी बाते कही । नानी ने कहा मर्द है शादी के बाद सुधर जायेगा । उसने बाकी लोगो से बात करने का भी प्रयास किया पर उत्तर में उसे निराशा मिली।
एक साथी जिसे उसने सोचा था की अच्छा,सच्चा,साथ निभाने वाला मिलेगा वो भी धोखा दे रहा था। उसका मन किया वो भाग जाए पर इससे उसके दामन में दाग़ लगते । और आत्महत्या कायर लोग करते है। बस ये सोच कर वो रोते रही उसकी बात सुनने वाला कोई नहीं है,न समझने वाला, अब वो करे तो क्या करे ?
M@y@💕
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