Half rape

 आज के युग में एक चीज बहुत ही प्रचलित है ब्वॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड। इस शब्द का इस्तमाल हमेशा एक रिश्ते में बंधे लोग करते है। अमूमन शख्स मेरा bf या अमूमन वो युवती मेरी gf है। फिर सारे संसार को भूल के ये लगता है ये सफ़र विवाह के बंधन में जरूर बंधेगा। और शायद इसलिए कई युवतियां अपनी हद भूलकर सब कुछ लुटा देती है ।अपना शरीर भी! शायद एक विश्वास के साथ की मांग में सिंदूर तो यही शख्स भरेगा ।

पर उस शख्स को इन सारी चीजों से कोई मतलब नहीं क्योंकि संभोग के बाद, अमूमन लोग बात करना छोड़ देते है। और युवती बार- बार मिन्नते करती है,कई बार तो लड़किया खुद खुशी तक कर लेती है। पर क्यों किसी पे विश्वास करने की सजा युवती भुगती है। चरित्र पर सवाल लड़कियों के उठता है, न समाज न परिवार उनकी बातों को समझते है। शायद इसी डर से युवती अपने घरों में कुछ नही बताती।

लिव इन रिलेशन में भी यही होता है,कई बार युवतियां प्रेगनेट भी हो जाती है,पर युवक उसकी जिम्मेदारी नहीं लेता।तब वो कहता है परिवार वाले नही मानेंगे। पर जब एक लड़का लड़की के साथ संभोग करता है,तब उसके परिवार वाले याद नहीं आते।

पुरुष को इसके लिए भी सजा क्यों नही मिलता जो रेप से कम नहीं है न जाने कितनी लड़किया मानसिक रूप से बीमार हो रही है। कई स्त्रियां शारीरिक रूप से,मानो ड्रग्स की तरह ये सेक्स की बीमारी फैल गई है। शायद यही कारण है कि युवतियां अब शादी नही करना चाहती या कर भी नहीं रही । क्योंकि पुरुष एक हो या हजार उन्हे स्त्री के शरीर के अलावा किसी चीज से मतलब नहीं।

फिर भी स्त्री खुदको दोषी मानती है जीवन भर वो इन मानसिक - शारीरिक पीड़ा से उभर नहीं पाती न किसी को कह पाती है। हर रोज वो हजारों मौत मर रही होती है, चलती फिरती लाश बन जाती है।अब वो विश्वास शब्द पे भी विश्वास नहीं रख पाती।

पर कब तक ये होगा और क्यों?

Babita 💕 

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