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लेखन

 कितना कठिन है कुछ भी लिख पाना ! क्योंकि आपने जो भी अनुभव किया है उसे ज्यों का त्यों लिखना,और उसे उसी भाव में पाठक पढ़े ये भी कठिन है। आज 2024 में लोग जहां रील के पीछे है,रील के पीछे चलते-चलते लोग रियल को भूलते जा रहे। शायद इसलिए कहानी पढ़ने से अच्छा, आज लोग कहानी देखने में विश्वास करते है। क्योंकि समय भी बचता है और मनोरंजन भी होता है। और गलत भी नहीं है मैं स्वयं भी बोर होने से अच्छा कहानी को सुनना पसंद करती हूं। पर क्या सुनकर में कहानीकार के उस भाव और लेखन की शैली को समझ सकते है? प्रश्न कई है पर इन प्रश्नों का उत्तर कैसे पाए,क्योंकि आज कल लोग आपके मैसेज नहीं पढ़ते,वे लोग आपकी कहानी कैसे पढ़ेंगे। वैसे भी आज के जमाने में बच्चे के पैदा होने से पहले फोन मिल जाता है। जी आप सोच रहे होंगे पैदा होने से पहले कैसे ? गर्भ से ही बच्चा मां को दिन भर फोन चलते देखता । बच्चे के धरती पे आने के बाद माता - पिता बच्चे को चुप करवाने के लिए,कभी खाना खिलने के लिए,और कभी खेलने के लिए स्वयं फोन देते है। जब बच्चे को फोन के बारे में पता भी नहीं होता। और आगे चल के यही माता - पिता शिकायत भी करते है। आंखे खराब हो

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